इस आर्टिकल में आपको भगवद् गीता का पूरा सार (Bhagwad Geeta Saar Hindi) के बारे में बताया गया है, आप इस आर्टिकल में आज जाननें के साथ सीखेंगे भी क्या?जीवन के सबक सीखेंगे जैसे: क्रोध पर नियंत्रण, दृष्टिकोण बदलें, स्वयं पर विश्वास रखें, स्वयं का आकलन और काम को खुश रहकर करें यह सब आप जाननें के साथ सीखेंगे भी है।
भगवत गीता में इतनी सारी अच्छी-अच्छी बातें कही गई है कि हम सभी उसको हर रोज सुनना चाहेंगे तो इसीलिए हम लेकर आए हैं। हमारे आर्टिकल में हर एक अध्याय का मूल मतलब भगवत गीता के 1 अध्याय का सार जो आप जान सकते हैं।
तो आज आपको इस Bhagavad Gita के Chapter Summary 1 to 18 (भगवद् गीता का पूरा सार) आर्टिकल में मिलेगा। भगवद् गीता का यह सार मात्र 5 मिनट का है तो पढ़े और सीखें और भगवद् गीता का यह सार हिंदी और इंग्लिश दोनों में है।
Bhagavad Gita के Chapter Summary 1 to 18 | भगवद् गीता का पूरा सार
☛ पहले अध्याय में कहा गया है: “गलत सोच या विचार ही आपके जीवन में सभी समस्याओं को आमंत्रित करते हैं।
❝Wrong thoughts invite all the problems in your life❞.
☛ दूसरे अध्याय में कहा गया है: “सही ज्ञान हमारे प्रत्येक मुद्दे या समस्याओं का अंतिम समाधान है”।
❝Right knowledge is the ultimate solution to each of our issues or problems ❞.
☛ तीसरे अध्याय में कहा गया है: “नि:स्वार्थता ही प्रगति और समृद्धि का एकमात्र तरीका है”।
❝Selflessness is the best way to Advance and Prosperity ❞.
☛ चौथे अध्याय में कहा गया है: “हर कार्य प्रार्थना का कार्य हो सकता है।”।
❝Every act can be an act of prayer❞.
☛ पाँचवे अध्याय में कहा गया है: “अनंतता के आनंद में व्यक्तिवाद और आनंद का अहंकार त्यागे”।
❝Renounce the Ego of Individuality and Rejoice in the Bliss of Infinity❞.
☛ छठे अध्याय में कहा गया है: “दैनिक उच्चतर चेतना से जुड़े”।
❝Daily connect to the Higher Consciousness❞.
☛ सातवें अध्याय में कहा गया है: “जो आप सीखते हैं उसे ही जीतते हैं”।
❝You live what you learn❞.
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☛ आठवें अध्याय में कहा गया है: “अपने आप से कभी हार ना माने”।
❝Never give up on yourself❞.
☛ नौवें अध्याय में कहा गया है: “अपने आशीर्वाद को महत्व दे”।
❝Give importance to your blessings❞.
☛ दसवां अध्याय कहता है: “चारों तरफ देवत्व को देखें”।
❝See the divinity all around❞.
☛ ग्यारहवां अध्याय कहता है: “सत्य को देखने के लिए पर्याप्त समर्पण करे जैसा की यह सत्य है”।
❝Have enough Surrender to see the Truth as it is❞.
☛ बारहवां अध्याय कहता है: “अपने मस्तिष्क का विस्तार करे”।
❝Absorb your mind in the Higher❞.
☛ तेरहवां अध्याय कहता है: “माया खुद को अलग करो और परमात्मा से जुड़ो”।
❝Detach from Maya and attach to Divine❞.
☛ चौदहवां अध्याय कहता है: “एक ऐसी जीवन शैली जिये जो आपकी दृष्टि से में कहती हो”।
❝Live a lifestyle that matches your Vision❞.
☛ पन्द्रहवां अध्याय कहता है: “दिव्यता को प्राथमिकता दे”।
❝Give priority to the divinity❞.
☛ सोलहवां अध्याय कहता है: “अच्छा होना अपने आप में एक इनाम है”।
❝Being Good is a Reward in itself❞.
☛ सत्रहवां अध्याय कहता है: “सुखों को त्याग कर जो सही है उससे चुनना शक्ति का प्रतीक मन जाता है”।
❝To Choose what is right by giving up Pleasures is Considered a symbol of Strength❞.
☛ अठारवां अध्याय कहता है: “जो है उसे जानने दीजिए चलिए भगवन के साथ मिलने के लिए आगे चलते है”।
❝let go, let’s move to union with god❞.