Dr. Rajendra Prasad Biography in Hindi – डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवनी परिचय
श्री डॉ राजेंद्र प्रसाद एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता के साथ-साथ वह एक वकील, विद्वान और बाद में 1950 से 1962 तक भारत के पहले राष्ट्रपति थे। डॉ राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और बिहार, महाराष्ट्र के क्षेत्र से एक प्रमुख नेता बन गए।
Rajendra Prasad’s life Struggle – डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन संघर्ष
श्री डॉ राजेंद्र प्रसाद ने महात्मा गांधी के साथ 1931 में नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था जिसके लिए उन्हें ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा कैद कर लिया गया था। उसके बाद 9 दिसंबर 1946 में भारत के संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद को चुना गया और उन्होंने 24 जनवरी 1950 तक भारत के संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप काम किया।
1947 में स्वंत्रता के बाद, संविधान सभा के चुनावों के बाद, उन्होंने खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में केंद्र सरकार में के लिए 14 जनवरी 1948 तक कार्य किया, उसके बाद 26 जनवरी 1950 में जब भारत एक गणतंत्र देश बना तब डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पदाधिकारी के लिए गैर-पक्षपात और स्वतंत्रता की परंपरा स्थापित की, और कांग्रेस पार्टी की राजनीति से सेवा मुक्त हुए।
1950 में भारत के गणतंत्र देश बनने के बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद जी भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने, और 12 वर्षों तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के बाद उन्होंने 13 मई 1962 में अपना अवकाश ले लिया। डॉ राजेंद्र प्रसाद जी के अवकाश लेने के बाद उन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया।
Dr. Rajendra Prasad Biography in Hindi
Full name of Mahatma Gandhi – Mr. Dr. Rajendra Prasad
महात्मा गांधी का पूरा नाम – श्री डॉ राजेंद्र प्रसाद
अन्य नाम – राजेन बाबू
जन्म – 3 दिसम्बर 1884
जन्म स्थान – जीरादेयू, बिहार
मृत्यु – 28 फ़रवरी 1963 (उम्र 78)
मृत्यु स्थान – पटना, बिहार, भारत
जीवन संगी – राजवंशी देवी (मृत्यु 1961)
शिक्षा – LLD का अध्ययन (Doctorate in Law)
पेशा – वकील, राजनीतिज्ञ और अध्यापक
राजनीतिक दल – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पुरस्कार – भारत रत्न
Dr. Rajendra Prasad Education & Career
- डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई जिला स्कूल छपरा किया था।
- शुरुआती पढ़ाई करने के बाद 18 साल की उम्र में उन्होंने सन 1902 में कोलकाता विश्वविद्यालय से विज्ञान के छात्र के रूप में प्रवेश लिया।
- उसके बाद सन 1904 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के तहत F.A. पास किया और फिर मार्च 1905 में उन्होंने वहां से प्रथम श्रेणी के साथ Graduated की डग्री प्राप्त की।
- फिर उसके बाद दिसंबर 1907 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से पहले नंबर के साथ अर्थशास्त्र में मास्टर (Master of Economics) हासिल किया।
- 1909 में कानूनी अध्ययन करने के लिए उन्होंने रिपन कॉलेज (अब सुरेंद्रनाथ लॉ कॉलेज) जो कलकत्ता में स्थित है उसमे प्रवेश लिया।
- उसी बीच में उन्होंने पढ़ाई के दौरान उन्होंने अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कलकत्ता के सिटी कॉलेज भी पढ़ाया।
डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में एक शिक्षक के रूप में काम किया। और अर्थशास्त्र में मास्टर हासिल करने के बाद, वह बिहार के मुजफ्फरपुर के Langat Singh College में अंग्रेजी के प्रोफेसर और प्रिंसिपल दोनों के रूप में काम किया। बाद में डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने कानून की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने कॉलेज में पढ़ना छोड़ दिया।
Career of Dr. Rajendra Prasad – डॉ. राजेंद्र प्रसाद का करियर
1909 में कानूनी अध्ययन करने के लिए उन्होंने रिपन कॉलेज (अब सुरेंद्रनाथ लॉ कॉलेज) जो कलकत्ता में स्थित है उसमे प्रवेश लिया। उसी बीच में उन्होंने पढ़ाई के दौरान कलकत्ता के सिटी कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में भी काम किया।
1915 में, डॉ राजेंद्र प्रसाद जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के Law Department से Masters in Law की परीक्षा में शामिल हुए और परीक्षा में पास भी हुए और स्वर्ण पदक जीता।
1915 में, डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने कानून में डॉक्टरेट की पदवी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हासिल की।
1916 में, डॉ राजेंद्र प्रसाद जी बिहार और ओडिशा के उच्च न्यायालय में शामिल हो गए। 1917 में, उन्हें पटना विश्वविद्यालय के सीनेट और सिंडिकेट के पहले सदस्यों में से एक के रूप में चुन लिया गया था। उन्होंने बिहार के रेशम शहर भागलपुर में भी वकालत की थी।
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