हमारे इतिहास की और हस्ती जो 20वीं शताब्दी के मध्य में भारत में एक केंद्रीय व्यक्ति थे जो भारत के पहले प्रधानमंत्री बारे, पंडित जवाहरलाल नेहरू आज हम इनकी जीवनी के बारे में जानेंगे। इस आर्टिकल में हम पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन संघर्ष के बारे में जानेंगे और पंडित जवाहलाल नेहरू के परिवार व इनके एजुकेशन के बारे में बात करेंगे।
इस आर्टिकल में हम पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में पूछे गए सवालों के जबाव भी इसी आर्टिकल में है और पंडित जवाहलाल नेहरू के राजनैतिक सफर के बारे में व इनके कोट्स यानी जीवन को सिख देने के लिए क्या कहा यह भी जानेंगे।
Pandit Jawaharlal Nehru Biography in Hindi – पं. जवाहरलाल नेहरू की जीवनी
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को ब्रिटिश भारत के उत्तर-पश्चिमी प्रांत के इलाहाबाद शहर में हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू एक भारतीय उपनिवेशवाद-विरोधी राष्ट्रवादी थे। अंतर्राष्ट्रीय मामलों में, भारत को शीत युद्ध के दो ब्लॉकों से मुक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू की सहायता से कराया गया उन्होंने भारत में लोकतंत्र को सुरक्षित किया और साथ में एक जातीय गृहयुद्ध को रोका।
Pandit Jawaharlal Nehru’s life struggle
पंडित जवाहरलाल नेहरू एक प्रसिद्ध लेखक भी थे, उनकी जेल में लिखी गई किताबें, (जैसे 1929 की लेटर्स फ्रॉम ए फादर टू हिज डॉटर, 1936 की एन ऑटोबायोग्राफी और 1946 की द डिस्कवरी ऑफ इंडिया लिखी, और दुनिया लोगो द्वारा बहुत बार पढ़ी गई हैं)। जवाहलाल नेहरू प्रोफेशन से बैरिस्टर, लेखक और राजनीतिज्ञ थे।
1930 और 1940 के दशक में पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के प्रमुख नेता थे। 1947 में भारत की आजादी के बाद, जवाहरलाल नेहरू 16 वर्षों तक भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने कार्य किया। 1950 के दशक के दौरान जवाहरलाल नेहरू ने संसदीय लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित किया।
15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता पर, जवाहरलाल नेहरू ने भारत के प्रधान मंत्री के डोमिनियन के रूप में शपथ ली और पहली बार दिल्ली में लाल किले पर भारतीय ध्वज फहराया प्रधानमत्री द्वारा आजादी के बाद। 26 जनवरी 1950 को, जब भारत एक गणतंत्र बन गया, तब जवाहरलाल नेहरू भारत गणराज्य के पहले प्रधान मंत्री बने।
जवाहरलाल नेहरू ने 2 सितंबर 1946 से 15 अगस्त 1947 वाइसराय की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया और आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 से 26 जनवरी 1950 तक भारत डोमिनियन के प्रधान मंत्री के रूप में और 26 जनवरी 1950 से 27 मई, 1964 भारत गणराज्य के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।
जवाहरलाल नेहरू 17 अप्रैल 1952 से 27 मई 1964 तक सांसद और लोकसभा के सदस्य रहे। नई दिल्ली में 27 मई 1964 को 74 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद के वर्षों में, जवाहरलाल नेहरू को आधुनिक भारत के वास्तुकार के रूप में सम्मानित किया गया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का परिवार | Pandit Jawaharlal Nehru’s family
पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम श्री मोतीलाल नेहरू (1861-1931) था, जो पेशे से एक एक स्व-निर्मित धनी बैरिस्टर थे, जो एक कश्मीरी पंडित समुदाय से थे। इनका माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू (1868-1938) था, जो लाहौर में बसे एक प्रसिद्ध कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थीं।
जवाहरलाल नेहरू की दो बहने थी। उनकी बड़ी बहन विजया लक्ष्मी (जो संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं)। उनकी सबसे छोटी बहन कृष्णा हुथीसिंग जो पेशे से एक प्रसिद्ध लेखिका बन गईं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू की पत्नी का नाम कमला नेहरू था इनका विवाह 1916 को हुआ था परन्तु पत्नी की मृत्यु 1936 में हो गई थी, इनकी एक बेटी थी इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू (इंदिरा गांधी) जिसका जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इंदिरा गांधी का विवह फिरोज गांधी से 1942 में हुआ था जो पेशे से भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और पत्रकार थे।