रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी | Rabindranath Tagore Biography in Hindi

Rate this post

आज हम उसके बारे में जानेंगे जिसने भारत का राष्ट्रगान लिखा बहुत कम लोग जानते है यह बात कि भारत के राष्ट्रगान के निर्माता रवींद्रनाथ टैगोर है आज हम इन्ही के बारे में जानेंगे। 

हम जानेगे Rabindranath Tagore Biography in Hindi – रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी (जन्म-मृत्यु, माता-पिता, उनकी पत्नी, उपाधि, प्रमुख रचना, पुरुस्कार) (birth-death, parents, his wife, title, major creation, awards) इस आर्टिकल में।


रवींद्रनाथ टैगोर जो प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे रवींद्रनाथ टैगोर एक ऐसे महान साहित्यकारों मे से एक है जो आसानी से नहीं मिलते रवींद्रनाथ टैगोर ऐसे व्यक्ति थे जो अपने जीवन में कुछ ना कुछ सीखते रहते थे।

रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी और उनका संघर्ष | Struggle of Rabindranath Tagore

रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी और उनका संघर्ष | Struggle of Rabindranath Tagore

रवींद्रनाथ टैगोर एक बंगाली विद्वान थे जिनका जन्म 7 मई 1861 में भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में हुआ था रवींद्रनाथ टैगोर जो कवि, लेखक, नाटककार, संगीतकार, समाज सुधारक और चित्रकार आदि के काम करते थे।


रवींद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर था जो एक हिन्दू दार्शनिक, ब्रह्मसमाजी तथा धर्मसुधारक थे और उनकी माता का नाम शारदा देवी थीं जो एक ग्रहणी थी।

रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्नीसवीं सदी के अंत और बीसवीं सदी की शुरुआत में प्रासंगिक आधुनिकतावाद के साथ उन्होंने बंगाली साहित्य और संगीत के साथ-साथ रवींद्रनाथ टैगोर ने भारतीय कला को भी नया रूप दिया। 

रवींद्रनाथ टैगोर अकेले ऐसे कवि हैं, जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान है जैसे कि: 

  • भारत का राष्ट्रगान – जन गण मन
  • बाँग्लादेश का राष्ट्रगान – आमार सोनार बांङ्ला

लोग रवींद्रनाथ टैगोर के काव्य गीतों को आध्यात्मिक और मधुर मानते थे, इसी करण लोग गुरुदेव नाम से भी रवींद्रनाथ टैगोर को भी जाना जाता है, रवींद्रनाथ टैगोर एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति हैं।  

रवींद्रनाथ टैगोर ने आठ साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिखी थी। फिर उन्होंने सोलह साल की आयु में पहली लघुकथा प्रकाशित की। 1877 तक उन्होंने अपनी पहली छोटी कहानियों और नाटकों में स्नातक की उपाधि हासिल की, जो रवींद्रनाथ टैगोर के वास्तविक नाम से प्रकाशित हुई। 

रवींद्रनाथ टैगोर की मृत्यु 80 साल में, 07 अगस्त 1941 में भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में हुआ थी।

Rabindranath Tagore Biography in Hindi

Full Name – Mr. Rabindranath Tagore

पूरा नाम – श्री रवींद्रनाथ टैगोर

जन्म – 07 मई 1861

जन्म स्थान – भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में

मृत्यु – 07 अगस्त 1941 (उम्र 80)

मृत्यु स्थान – भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में

प्रमुख रचना – गीतांजलि

उपाधि – लेखक और चित्रकार

पेशा – लेखक, कवि, नाटककार, संगीतकार और चित्रकार

पुरस्कार – नोबोल पुरुस्कार


रवींद्रनाथ टैगोर का परिवार | Rabindranath Tagore’s family

रवींद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर था जो एक हिन्दू दार्शनिक, ब्रह्मसमाजी तथा धर्मसुधारक थे और उनकी माता का नाम शारदा देवी थीं जो एक ग्रहणी थी।

रवींद्रनाथ टैगोर का विवाह 1883 को म्रणालिनी देवी से हुआ था  परन्तु रवींद्रनाथ टैगोर की पत्नी का निधन 1902 में इनसे पहले हुई थी, रवींद्रनाथ टैगोर के 4 बच्चे थे जिनमे से दो का बाल्यावस्था में निधन हो गया।

रवींद्रनाथ टैगोर की शिक्षा | Rabindranath Tagore’s Education

रबिन्द्रनाथ टैगोर बचपन से ही बहुत ज्ञानी थे, रबिन्द्रनाथ टैगोर ने प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के प्रसिद्ध स्कूल सेंट जेवियर नामक स्कूल से की थी, रबिन्द्रनाथ टैगोर के पिता शुरुआत से ही समाज के लिये समर्पित थे।

इसलिये रबिन्द्रनाथ जी को भी, उनके पिता बैरिस्टर बनाना चाहते थे जबकि रबिन्द्रनाथ टैगोर की रूचि साहित्य मे थी लेकिन 1878 मे रबिन्द्रनाथ टैगोर जी के पिता जी ने उनका दाखिला लंदन के विश्वविद्यालय मे कर दिया। 

परन्तु रबिन्द्रनाथ टैगोर जी को बैरिस्टर की पढ़ाई मे कोई रूचि नहीं थी इस कारण उन्होंने 1880 मे बिना डिग्री लिये ही वापस भारत आ गए।

रवींद्रनाथ टैगोर की प्रमुख रचनाये

रवींद्रनाथ टैगोर रूचि जन्म से बहुत से विषयों मे थी, और उन्होंने हर क्षेत्र मे अपनी प्रसिद्धि हासिल की, इसलिये वे एक महान कवि थे, लेखक, कवि, नाटककार, संगीतकार, चित्रकार और एक बहुत अच्छे समाजसेवी भी कहे जाते थे 

बाल्यकाल जिस समय बच्चे खेलते है उस उम्र में रबिन्द्रनाथ टैगोर महज 8 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी, और 1877 में उन्होंने 16 साल की उम्र में लघुकथा लिख दी यानी किशोरावस्था में, रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने पुरे जीवन कल में लगभग 2230 गीतों की रचना की थी 

रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी रचनाएँ भारतीय संस्कृति में और ख़ास कर बंगाली संस्कृति में, अपना बड़ा योगदान दिया था इसलिए वह इतने बड़े साहित्यकार थे अगर आप रवींद्रनाथ टैगोर रचनाओं के बारे में जानना चाहते हो तो लिंक पर क्लिक करे: रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाये


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top