डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय | Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi

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इस आर्टिकल में हम उनके बारे में जानेंगे जो सोवियत संग में भारत के दूसरे राजदूत थे, वह डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो दर्शनशास्त्र और इंडोलॉजी में माहिर थे और साथ में वह एक राजनीतिज्ञ थे इन्ही के संगर्ष के बारे में आज हम जानेंगे। 

सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक भारतीय दार्शनिक, वाईस-चांसलर और राजनीतिज्ञ थे, जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 ब्रिटिश भारत में मद्रास प्रेसीडेंसी के तिरुत्तानी शहर में हुआ था। राधाकृष्णन का विचार अद्वैत वेदांत पर आधारित था, इन्हे दार्शनिक (फिलोसोफी) के रूप में जाना जाता है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय | Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi

Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में और 1952 से 1962 तक भारत के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन सोवियत संघ में भारत के दूसरे राजदूत भी थे। राधाकृष्णन तुलनात्मक धर्म और दर्शन के सबसे प्रतिष्ठित बीसवीं सदी के विद्वानों में से एक थे।

हिंदू धर्म का बचाव सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया, जिसे उन्होंने “बेबुनियाद पश्चिमी आलोचना” कहा था, समकालीन हिंदू पहचान के निर्माण में उनका योगदान था। राधाकृष्णन भारत और पश्चिम दोनों में हिंदू धर्म की समझ को आकार देने में परिणामकारी रहे हैं, और उन्होंने भारत और पश्चिम के बीच एक सेतु निर्माता के रूप में प्रसिद्धि हासिल की थी।

राधाकृष्णन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था, जिसमें 1931 में एक नाइटहुड और 1954 में भारत रत्न दिया गया था और भी कई पुरस्कारों से इन्हे सम्मानित किया गया था जैसे भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद शामिल है।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु 86 साल में 17 अप्रैल 1975 में भारत के तमिलनाडु राज्य के मद्रास शहर में हुई थी। 1962 से, राधाकृष्णन की याद में  हर वर्ष भारत में शिक्षक दिवस के रूप में  5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि राधाकृष्णन मानना था कि “शिक्षकों को देश में सबसे अच्छा दिमाग होना चाहिए”।

Information of Sarvepalli Radhakrishnan

नाम: श्री डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन

जन्म: 5 सितंबर 1888

जन्म स्थान:  ब्रिटिश भारत में  मद्रास प्रेसीडेंसी के तिरुत्तानी शहर में

मृत्यु: 17 अप्रैल 1975 (उम्र 86)

मृत्यु स्थान: भारत के तमिलनाडु राज्य के मद्रास शहर में

पेशा: एक भारतीय दार्शनिक, वाईस-चांसलर और राजनीतिज्ञ

जीवनसाथी: श्री सिवाकमु (विवह 1904 में)

बच्चे: 6 बच्चे (5 बेटी, 1 बेटा)

Sarvepalli Radhakrishnan की Family

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिता का नाम सर्वपल्ली विरास्वामी  थे जो पेशे से एक स्थानीय जमींदार की सेवा में एक अधीनस्थ राजस्व अधिकारी थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की माता का नाम सिताम्मा था जो एक गृहणी थी। पुरे परिवार की जिम्मदारी उनके पिता पर थी, इस वज़ह से राधाकृष्णन को बाल्यावस्था से ही ज्यादा सुख सुविधा प्राप्त नहीं हुई।1904 में, 16 साल की उम्र में राधाकृष्णन का विवाह अपनी दूर की चचेरी बहन सिवाकमु से हुई थी जिससे उन्हें 6 बच्चे हुए 5 बेटी और 1 बेटा। राधाकृष्णन  के बेटे का नाम सर्वपल्ली गोपाल था, जो भारत के महान इतिहासकारक थे। राधाकृष्णन की पत्नी सिवाकमु की मौत 1956 में हो गई थी।

Sarvepalli Radhakrishnan की Education


डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्राथमिक शिक्षा तिरुत्तानी के KV हाई स्कूल में हुई थी। 1896 में वे तिरुपति के हरमन्सबर्ग इवेंजेलिकल लूथरन मिशन स्कूल में चले गए। उसके बाद हाई स्कूल की शिक्षा के लिए 1900 में राधाकृष्णन ने वेल्लूर के कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की।तत्पश्चात उन्होंने 16 साल की उम्र में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में प्रवेश लिया और 1907 में उन्होंने M.A में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

—निष्कर्ष—

तो दोस्तों आज हमने आज जाना डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में (जीवन परिचय)। आशा है आपको डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जानकर आपको बहुत ख़ुशी होगी। इस आर्टिकल के जरिए हमने जाना डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन संघर्ष, परिवार, शिक्षा और करियर के बारे में जाना।

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