इस आर्टिकल में हम IPC Section 407 के बारे में जानेंगे, की अपराधी को कोन सी और कैसी सजा दी जाती है और IPC Section 407 में जमानती मिलती है कि नहीं, कितना जुरमाना देना होता है, और IPC Section 407 CrPC के बारे में जानेगे। इन सभी सवालों के जबाव IPC Section 407 के आर्टिकल में आपको पढ़ने को मिलेंगे।
IPC धारा 407 क्या है? | What is Section 407 in Hindi?
भारतीय दंड संहिता की धारा 407 (IPC Section 407) के अनुसार, जो भी कोई कार्यवाहक, घाटपाल या गोदाम-रक्षक के रूप में संपत्ति सौंपे जाने पर, ऐसी संपत्ति के संबंध में आपराधिक विश्वास उल्लंघन करेगा, तो उसे एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी। इस सजा को सात साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
धारा 407 के मामले की सजा क्या है? | What is the punishment for section 407 case?
IPC Section 407 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है। यह एक गैर-जमानती (non-bailable) और संज्ञेय (cognizable) अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है। धारा 407 के मामले समझौता नहीं किया जाता है।
क्या आईपीसी धारा 407 जमानती है? | Is IPC Section 407 Bailable
भारतीय दंड संहिता की धारा 407 (IPC Section 407) के मामले में आरोपी जमानत के लिए आवेदन नहीं कर सकता क्योंकि यह एक गैर-जमानती अपराध है।
What is CrPC? | Section 407 CrPC
आपराधिक प्रक्रिया संहिता जिसे आमतौर पर CrPC (Criminal Procedure Code) कहा जाता है, भारत में मूल आपराधिक कानून के प्रशासन की प्रक्रिया पर मुख्य कानून है। 1973 की CrPC के अनुसार अपराधियों को पकड़ने, आपराधिक मामलों की जांच करने, उन्हें आपराधिक अदालतों के सामने रखने और दोषी व्यक्ति को दंडित करने के लिए आवश्यक मशीनरी स्थापित करती है।
Section 407 CrPC अध्याय 31 में आपराधिक मामलों को स्थानांतरित (TRANSFER OF CRIMINAL CASES) करने का अधिकार देती है, मामलों और अपीलों को स्थानांतरित करने की उच्च न्यायालय की शक्ति है।
निष्कर्ष | Conclusion
इस आर्टिकल में IPC Section 407 के बारे में जाना व Section 407 CrPC के बारे में जाना। अगर आपको किसी प्रकार की कोई और जानकारी चाहिए तो कमेंट करे और अगर हमसे कोई त्रुटि हुई हो तो माफ़ करे और कमेंट कर हमारी गलतिओ के बारे में बताए। आपकी अति कृपा होगी, धन्यबाद।