आज आप इस आर्टिकल में उनके बारे में जानेंगे, जिन्होंने विदेशी मिट्टी में भारतीय ध्वज फहराकर सबसे पहली भारतीय बनी, भीकाजी कामा जिनकी जीवनी के बारे में आज हम जानेंगे। भीकाजी कामा पारसी परिवार से संबंध रखती है उन्ही के जीवन संगर्ष के बारे में आज बताया गया है इस आर्टिकल में।
भीकाजी कामा के बारे में हम इस आर्टिकल में जानेंगे। सबसे पहले आप जानेंगे भीकाजी कामा कौन है? फिर उनके व्यक्तिगत जीवन और फॅमिली के बारे में, उसके बाद भारत की माता के रूप में इन्हे क्यों जाना जाता है, भीकाजी कामा का फ्लैग और भीकाजी कामा की मृत्यु कब और कैसे हुई? और लोगो द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब (FAQ) भी इस आर्टिकल में है।
Biography of Bhikaiji Cama in Hindi
भीखाजी कामा (भीकाईजी रुस्तम कामा) का जन्म 24 सितंबर 1861 को ब्रिटिश भारत के समय बॉम्बे प्रेसीडेंसी के नवसारी (विर्तमान में गुजरात में) शहर में, एक पारसी परिवार में इनका जन्म हुआ था। इन्हे मैडम कामा के नाम से भी जाना जाता है, भीखाजी कामा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की प्रमुख हस्तियों में से एक थीं। भारतीय मूल की भीकाजी रुस्तम कामा फ़्रांसीसी नागरिक थीं।
भीखाजी कामा ने लंदन, जर्मनी तथा अमेरिका का सैर किया था। भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में उन्होंने माहौल बनाया और 22 अगस्त 1907 में जर्मनी के स्टटगार्ट नगर में ‘इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस’ में झंडा फहराया था। जिसके लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है। इस तरह विदेशी धरती पर भारतीय ध्वज फहराने वाली भीखाजी कामा पहली व्यक्ति बनीं।
भीखाजी कामा ने इंडिया हाउस, पेरिस इंडियन सोसाइटी और इंडियन नेशनल कांग्रेस संगठन बनाए। मैडम कामा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की संचलन करती थी। भीखाजी कामा की मृत्यु 74 वर्ष की उम्र में, 13 अगस्त 1936 को ब्रिटिश भारत के समय बॉम्बे प्रेसीडेंसी के बॉम्बे (विर्तमान में मुंबई) शहर में हुई थी।
भीखाजी कामा की फॅमिली | Bhikaiji Cama Family
3 अगस्त 1885 को, भीखाजी कामा का विवाह रुस्तम कामा से हुआ, जो K.R. Cama के बेटे थे। भीखाजी कामा के पति एक धनी, ब्रिटिश समर्थक वकील थे, जो राजनीति में प्रवेश करना चाहते थे। भीखाजी कामा और रुस्तम कामा का एक सुखी विवाह नहीं था, क्योंकि भिखाई जी ने अपना अधिकतर समय और ऊर्जा परोपकारी गतिविधियों और सामाजिक कार्यों में बिताया था।
भारतीय क्रांतिकारियों की माता या फिर भारत की माता के रूप में किसे जाना जाता है?
भीकाईजी रुस्तम कामा, या मैडम कामा को उनके महान साहस, निडरता, अखंडता और दृढ़ता से भरपूर और स्वतंत्रता के जुनून की एक श्रेष्ठ महिला थीं। और उनके योगदान के कारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उन्हें भारतीय क्रांति की जननी माना जाता है।
भारत के पहले तिरंगे झंडे के निर्माण का श्रेय भीकाईजी रुस्तम कामा को दिया जाता है, भारत के पहले झंडे में हरा, केसरिया और लाल रंग था और इसमें चक्र से पहले वन्दे मातरम लिखा हुआ था।
विदेशी मिट्टी में भारतीय ध्वज फहराने वाला सबसे पहले भारतीय कौन था?
भीकाईजी रुस्तम कामा- 22 अगस्त 1907 में जर्मनी के स्टटगार्ट नगर में ‘इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस’ में झंडा फहराया था। इस तरह विदेशी धरती पर भारतीय ध्वज फहराने वाली भीखाजी कामा पहली भारतीय बनीं।
भीकाजी कामा फ्लैग – Bhikaji Cama Flag
भीकाजी कामा द्वारा भारत के पहले तिरंगे (फ्लैग) झंडे के निर्माण का श्रेय भीकाईजी रुस्तम कामा को दिया जाता है, जिसमे भारत के पहले झंडे में हरा, केसरिया और लाल रंग था और इसमें चक्र से पहले वन्दे मातरम लिखा हुआ था। यह भीकाजी कामा द्वारा बनाया हुआ पहला फ्लैग नीचे चित्रित है।
भीकाजी कामा की मृत्यु कब और कैसे हुई?
भीकाजी कामा 74 साल की उम्र में 1935 में वापस भारत लौटीं उसके बाद मैडम कामा ने 13 अगस्त 1936 को मुंबई के पारसी जनरल अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली परन्तु मरने से पहले उनके मुंह से निकलने वाले अंतिम शब्द ‘वंदे मातरम’ था।
Conclusion – निष्कर्ष
मुझे आशा है कि मेरा यह लेख (आर्टिकल) भिकाजी कामा कौन थी? और भीकाजी कामा का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से जाना। मुझेसे यही कोशिश रहती है कि जो मेरे लेख (आर्टिकल) को पड़ने वाले है उन्हे सही और सारी जानकारी मिले। उन्हें दूसरे साइट्स पर जाने के जरूरत नहीं होगी उनका समय बचेगा।
यदि लेख (आर्टिकल) में कोई त्रुटि (गलती) मिली हो तो हमें कमेंट के जरिए बताए और कोई उलझन या डॉउट अभी है तो कमेंट करे। और यह लेख (आर्टिकल) भिकाजी कामा कौन थी? और भीकाजी कामा का जीवन परिचय हिंदी में आपको पसंद आया हो तो यह ज्ञान अपने दोस्तो के साथ साझा करे शेयर करके।