द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय | Draupadi Murmu Biography in Hindi

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आज आप इस आर्टिकल में उनके बारे में जानेंगे, जो भारत की दूसरी महिला राष्ट्पति है यानी द्रौपदी मुर्मू जिनकी जीवनी के बारे में आज हम जानेंगे। द्रौपदी मुर्मू जो जनजातीय समुदाय से है  और उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ खोया है उन्ही के जीवन संगर्ष के बारे में आज बताया गया है इस आर्टिकल में

द्रौपदी मुर्मू के बारे में हम इस आर्टिकल में जानेंगे। सबसे पहले आप जानेंगे द्रौपदी मुर्मू कौन है? फिर उनके व्यक्तिगत जीवन और फॅमिली के बारे में, उसके बाद द्रौपदी मुर्मू शैक्षणिक योग्यता, उसके बाद उनके करियर के प्रति संगर्ष को बताया है। और लोगो द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब (FAQ) भी इस आर्टिकल में है।

द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय | Draupadi Murmu Biography in Hindi

Biography of Draupadi Murmu in Hindi

Droupadi Murmu एक भारतीय राजनेता और शिक्षक हैं इनका जन्म 20 जून 1958 भारत के उड़ीसा राज्य के उपरबेड़ा मयूरभंज में हुआ था। द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्य हैं। और वर्तमान में द्रौपदी मुर्मू भारत के राष्ट्रपति के रूप में कर रही है।

2015 और 2021 के बीच झारखंड के नौवें गवर्नर के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने कार्य किया और 2022 के चुनाव में उन्हें राष्ट्रीय डेमोक्रेटिक गठबंधन के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया। 2000 से 2004 के बीच ओडिशा सरकार के मंत्रिमंडल में विभिन्न विभागों को द्रौपदी मुर्मू ने संभाला। 

राजनीति में प्रवेश करने से पहले द्रौपदी मुर्मू 1979 से 1983 तक राज्य सिंचाई और बिजली विभाग में एक सबसे छोटे सहायक के रूप में कार्य किया, और फिर 1997 तक उन्होंने रायरंगपुर में स्थित श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में एक शिक्षक के रूप में कार्य किया।

64% वोटो के साथ द्रौपदी मुर्मू दूसरी राष्ट्रपति महिला बनकर और प्रथम आदिवासी महीना बनकर उन्होंने भारत में इतिहास बनाया। जब द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई 2022 को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।, तो वह आज के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति होंगी।  भारत के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने वाली द्रौपदी मुर्मू जनजातीय समुदाय की पहली व्यक्ति हैं।




द्रौपदी मुर्मू की व्यक्तिगत जीवन और फॅमिली

Droupadi Murmu का जन्म 20 जून 1958 भारत के उड़ीसा राज्य के उपरबेड़ा मयूरभंज में हुआ था। द्रौपदी मुर्मू के परिवार द्वारा उनका नाम पुति बिरंची टुडु था। बाद में उनकी स्कूल की अध्यापिका ने उसका नाम बदलकर द्रौपदी कर दिया। द्रौपदी का नाम कई बार बदला जा चूका है और अतीत में उसका नाम दुरपदी, दोरपडी भी रखा गया। द्रौपदी के पिता और दादा ग्राम परिषद के पारंपरिक मुखिया थे। 


द्रौपदी मुर्मू का विवाह 1980 में एक बैंकर से हुआ था, जिनका नाम श्याम चरण मुर्मु है परन्तु श्याम चरण मुर्मु की मृत्यु 2014 में हो गई थी। द्रौपदी मुर्मू और श्याम चरण मुर्मु के दो बेटे और एक बेटी थी। परन्तु उनके दोनों बेटों, मां और एक भाई की मृत्यु 2009 से 2015 तक 7 साल की अवधि के बीच ही में हो गई थी।

द्रौपदी मुर्मू शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification)


द्रौपदी मुर्मू की शुरुआती पढ़ाई के.बी. Hs Uparbeda स्कूल (KBHUS) जो मयूरभंज में स्थित है कहा जाता है की द्रौपदी मुर्मू ने अपनी स्कूली पढ़ाई इस स्कूल से की है। उसके बाद 1979 में द्रौपदी मुर्मू ने रमा देवी महिला विश्वविद्यालय (कॉलेज) जो भुवनेश्वर में है वहां से इन्होने BA की डिग्री के साथ स्नातक किया।

द्रौपदी मुर्मू ने जब अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ली उसके बाद उन्होंने ने अपने करियर की शुरुआत की ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम करके। नीचे आप द्रौपदी मुर्मू  के करियर के बारे में विस्तार से जान सकते है।


द्रौपदी मुर्मू का करियर – Draupadi Murmu Career

राजनीति में प्रवेश करने से पहले द्रौपदी मुर्मू 1979 से 1983 तक राज्य सिंचाई और बिजली विभाग में एक सबसे छोटे सहायक के रूप में कार्य किया, और फिर 1997 तक उन्होंने रायरंगपुर में स्थित श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में एक शिक्षक के रूप में हिंदी, उड़िया, गणित और भूगोल पढ़ाया।

राजनीतिक करियर


    • द्रौपदी मुर्मू ने रायरंगपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। 1997 में वे रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुनी गईं।
    • रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से 2000 का ओडिशा विधानसभा चुनाव जीता 
    • 2000 और 2009 के बीच ओडिशा विधान सभा में दो बार सेवा की। ओडिशा में भाजपा और बीजेडी गठबंधन सरकार के दौरान, उन्होंने 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री थीं।


    • 6 अगस्त, 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं।
    • 2009 में, उन्होंने मयूरभंज लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हार गईं क्योंकि बीजद और भाजपा का गठबंधन समाप्त हो गया था।
    • 2006 में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का द्रौपदी मुमरू को ओडिशा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 
    • 18 मई 2015 में द्रौपदी मुर्मू को झारखंड की 9वीं राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होने झारखंड में राज्यपाल के कार्यकाल को सफलतापूर्वक काम करने करने वाली पहली महिला थीं। 12 जुलाई 2021 को इनका कार्यकाल ख़तम हो गया।


  • 2022 में द्रौपदी मुर्मू वर्तमान में भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं।  द्रौपदी मुर्मू ने 18 जुलाई 2022 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में 64% से भी अधिक वोट प्राप्त किए और यशवंत सिन्हा को भारी वोटो से हराया।

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