स्वामी विवेकानंद एक भारतीय हिंदू भिक्षु, दार्शनिक और लेखक थे। जिनका जन्म ब्रिटिश काल में भारत के पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 12 जनवरी 1863 को हुआ था, वास्तव में इनका नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। स्वामी विवेकानंद 19वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी श्री रामाकृष्णा के प्रमुख शिष्य थे।
भारत में स्वामी विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में माना और देखा जाता है और साथ में विवेकानंद भारत के समकालीन हिंदू सुधार आंदोलनों में एक प्रमुख शक्ति थे। रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की।
स्वामी विवेकानंद को लोग उनके अपने भाषण के लिए सबसे अधिक ज्यादा जाने जाते हैं जैसे कि अमेरिका में उन्होंने “अमेरिका की बहनों और भाइयों…” शब्दों के साथ शुरू किया उनके संबोधन के इस पहले वाक्य ने सभी अमेरिका के लोगो दिल जीत लिया था।
फिर उन्होंने 1893 में जापान के शहर शिकागो में विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म का परिचय दिया और इंग्लैंड और यूरोप में जैसे देशों में भी हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया। भारत में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद की मृत्यु ब्रिटिश काल में भारत के पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ में 4 जुलाई 1902 में हुई थी।
Swami Vivekananda Biography in Hindi
Full Name – Mr. Swami Vivekananda
पूरा नाम – श्री स्वामी विवेकानंद
मूल नाम – श्री नरेन्द्रनाथ दत्त
जन्म – 12 जनवरी 1863
जन्म स्थान – भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की राज्यधानी कोलकाता
मृत्यु – 4 जुलाई 1902 (उम्र 39)
मृत्यु स्थान – भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के बेलूर मठ
शिक्षक – श्री रामकृष्ण परमहंस
दर्शन – आधुनिक वेदांत और राज योग
साहित्यिक कार्य – राज योग (पुस्तक)
पेशा – एक भारतीय हिंदू भिक्षु, दार्शनिक और लेखक
कथन – “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए”
Early Life | स्वामी विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन
स्वामी विवेकानंद का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था इनका जन्म ब्रिटिश भारत की राजधानी कलकत्ता में 12 जनवरी 1863 को मकर संक्रांति उत्सव के दौरान हुआ था। इनका नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। विवेकानंद एक पारंपरिक परिवार से संबंध रखते थे और वह नौ भाई-बहनों में से एक थे।
छोटी उम्र से ही विवेकानंद को आध्यात्मिकता में दिलचस्पी थी इस वजह से विवेकानंद शिव, राम, सीता और महावीर हनुमान जैसे देवताओं की छवियों के सामने ध्यान लगाते थे। वे भटकते तपस्वियों और भिक्षुओं के प्रति आकर्षित थे।
विवेकानंद बचपन में इतने शरारती और बेचैन बच्चे थे, कि उन्हें नियंत्रित करने में उनके माता-पिता को अक्सर कठिनाई होती थी। उनकी माँ ने कहा कि “मैंने शिव से एक पुत्र के लिए प्रार्थना की थी और उन्होंने मुझे अपना एक राक्षस भेजा है”।
Swami Vivekananda’s family | स्वामी विवेकानंद का परिवार
स्वामी विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्ता थे जो कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील थे। विवेकानंद के दादा दुर्गाचरण दत्त थे जो एक संस्कृत और फारसी विद्वान थे, जिन्होंने अपना परिवार छोड़ कर, 25 साल की उम्र में एक भिक्षु बन गए। विवेकानंद की माँ भुवनेश्वरी देवी थी जो एक धर्मनिष्ठ गृहिणी थीं।
स्वामी विवेकानंद ने विवह नहीं किया था क्योंकि वह सांसारिक भोग और विलासिता से उपर उठ गए थे और जीने की उनकी चेतना ने आकार लेना आरंभ कर दिया था, इसलिए उन्होंने शादी के सभी प्रस्ताव को ना करके माना करते गए।
स्वामी विवेकानंद के गुरु और उनकी पहली मुलाकात
स्वामी विवेकानंद के गुरु भारतीय रहस्यवादी श्री रामाकृष्णा (रामकृष्ण परमहंस) थे विवेकानंद की पहली बार मुलाकात रामाकृष्णा से 1881 में हुई थी उसके बाद उन्होंने 1884 में अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने आध्यात्मिक ध्यान हासिल किया।
शायद पहली बार स्वामी विवेकानंद नवंबर 1881 में व्यक्तिगत रूप से रामाकृष्णा से मिले थे, हालांकि विवेकानंद ने इसे अपनी पहली मुलाकात नहीं माना, और न ही किसी व्यक्ति ने बाद में इस बैठक का उल्लेख किया।
रामाकृष्णा से मुलाकात के समय, विवेकानंद अपनी आने वाली F.A. परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।
Conclusion- निष्कर्ष
निष्कर्ष: आज हमने स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में जाना (Swami Vivekananda Biography in Hindi). इस आर्टिकल में हमने देखा कि स्वामी विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन कैसा था, स्वामी विवेकानंद के परिवार के बारे में जाना, स्वामी विवेकानंद के गुरु और उनकी पहली मुलाकात के बारे में भी जाना और उनकी शिक्षा के बारे में भी जाना।
स्वामी विवेकानंद के बारे जानने के लिए और हमारी वेबसाइट में समय देने के लिए दिल से धन्यवाद अगर हमसे कुछ छूटा हो या फिर कोई सवाल हो तो कमेंट करे।