इस आर्टिकल में हम IPC Section 323 in hindi के बारे में जानेंगे, की अपराधी को कोन सी और कैसी सजा दी जाती है IPC Section 323 कब लगती है, 323 IPC को साबित करने के लिए कौन से साक्ष्य की आवश्यकता है, क्या आईपीसी 323 एक आपराधिक मामला है? आदि सवालों के जबाव जानेगे। इन सभी सवालों के जबाव IPC Section 407 के आर्टिकल में आपको पढ़ने को मिलेंगे।

What is IPC Section? | आईपीसी सेक्शन क्या है?

भारतीय दंड संहिता (IPC – Indian Penal Code) भारत की आधिकारिक आपराधिक संहिता है। यह आपराधिक कानून (criminal law) के सभी मूल पहलुओं को कवर करने के लिए एक व्यापक कोड (comprehensive code) है।

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आईपीसी धारा 323 क्या है? | What is IPC Section 323?

IPC Section (आईपीसी धारा) 323 के अंतरगर्त स्वेच्छा से चोट पहुँचाने के लिए सज़ा दी जाती है जो कोई भी, आईपीसी धारा 334 द्वारा प्रदान किए गए मामले को छोड़कर, स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है तब सज़ा दी जाती है।

साधारण शब्दों में: आईपीसी धारा 323 मारपीट के लिए लगायी जाती है। जैसे किसी ने किसी को स्वेच्छा से थप्पड़ मार दिया या धक्का मुक्की कर दी। मतलब साधारण मारपीट कर दी, जिसमें किसी को गंभीर चोट न पहुंचे, तब यह धारा लगाई जाती है।

IPC Section 323 Punishment, Fine & Bail

अगर अपराध साबित हो जाता है तो आपको एक साल के लिए कारावास की सजा या जुर्माना या फिर दोनों साथ में दी जा सकती है।

यह एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। इस अपराध में समझौता नहीं किया जाता है।

IPC धारा 323 कब लगती है?

आईपीसी धारा 323 मारपीट के लिए लगायी जाती है। जैसे किसी ने किसी को स्वेच्छा से थप्पड़ मार दिया या धक्का मुक्की कर दी। मतलब साधारण मारपीट कर दी, जिसमें किसी को गंभीर चोट न पहुंचे, तब यह धारा लगाई जाती है।

323 IPC को साबित करने के लिए साक्ष्य | What evidence is required to prove 323 IPC?

चोट के कारण पीड़ित को शारीरिक दर्द, बीमारी या दुर्बलता का सामना करना पड़ा। आरोपी ने पीड़िता को चोट या शारीरिक पीड़ा पहुंचाई। अभियुक्त ने जानबूझकर या जानकारी के साथ चोट पहुंचाई थी।

धारा 323 और 324 क्या होती है और अंतर | Section 323 and 324 Difference

आईपीसी धारा 323 स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित है और आईपीसी धारा 324 खतरनाक हथियारों या किसी साधनों से चोट पहुंचाने से संबंधित है दोनों ही गैर-जमानती (Non-Bailable) है। धारा 324 में 3 वर्ष की सजा या जुर्माना या दोनों दी जा सकती है।

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