15 अगस्त को भारत को स्वतंत्रता कैसे मिली | Indian Independence Day in Hindi

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इस आर्टिकल में आपको Indian Independence Day के बारे में बताया गया है, आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि लेकिन क्या आप जानते हैं कि 15 अगस्त भारत को आजादी कैसे मिली, 15 अगस्त रात 12:00 बजे की आजादी के लिए क्यों चुना गया,15 अगस्त 1947 को ही क्यों स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे क्या कारण है। इस आर्टिकल के माध्यम से जाने। और साथ में FAQ भी दिया है।

Indian Independence Day

Indian Independence Day- 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली और हर साल इस दिन को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं। झांकियां निकलती है लाखों लोग इसमें हिस्सा लेते हैं।

इस बार 74वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा, और स्वतंत्रता दिवस इस बार रविवार (Sunday) को है और यह भी है कि इस बार देश के हालत अभी सही नहीं क्योंकि देश अभी corona-virus से लड़ रहा है आप देश का साथ दे कि सब कुछ पहले जैसा हो जाए तब हम 15 अगस्त और धूम धाम से माना सकते है। 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि 15 अगस्त रात 12:00 बजे की आजादी के लिए क्यों चुना गया। 15 अगस्त 1947 को ही क्यों स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे क्या कारण है। इस आर्टिकल के माध्यम से जाने।

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For what reason is Independence Day celebrated on 15 August 1947? – 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस किस कारण से मनाया जाता है?

यह हम सभी जानते हैं कि गांधी जी के प्रयासों और जन आंदोलनों से भारत की जनता जागरुक हो चुकी थी और आजादी के लिए अत्यधिक संघर्ष कर रही थी। वही अगर हम दूसरी ओर देखें तो सुभाष चंद्र बोस और अन्य क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों पर देश छोड़ने का दबाव बनाया हुआ था। 

जब 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म हुआ तो अंग्रेजों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। उस समय उन्हें अपने देश पर ही शासन नहीं कर पा रहे थे, तो ऐसे में भारत पर शासन करना मुश्किल हो गया था। उसी की अवधि में 1945 में ब्रिटिश चुनाव हुए और लेबर पार्टी की विजय हुई जिसने आजादी के संघर्ष को सरल कर दिया। 

उन्होंने अपनी मान्यताओं में भारत जैसी दूसरी इंग्लिश कॉलोनियों को भी आजादी देने की बात कही थी। कई मतभेदों के बावजूद भी भारत को स्वतंत्र करने के लिए भारतीय नेताओं की बात लॉर्ड वेवेल से शुरू हो गई। 

इसी तरह फरवरी 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन को भारत का आखरी वायसराय चुन लिया गया था। जिन पर सुव्यवस्थित दंग से भारत को आजादी दिलाने का दायित्व था। जैसा कि बाय लॉर्ड माउंटबेटन के शुरुआती योजना के अनुसार जून 1948 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने की व्यवस्था की गई थी। 

बाय लॉर्ड माउंटबेटन से किसी के बारे में भारतीय नेताओं की बातचीत की, लेकिन उस समय मोहम्मद अली जिन्ना और जवाहरलाल नेहरू के बीच बंटवारा भी एक मुद्दा बना हुआ था। जिन्नाह के अलग देश की मांग के कारण भारत के कई क्षेत्रों में सांप्रदायिक झग़डे होने लगे। हालात और बिगड़े नहीं इसलिए लॉर्ड माउंटबेटन ने 1948 के बजाय 1947 को ही आजादी देने का फैसला लिया। 

लोगो का ऐसा कहना था कि लॉर्ड माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख को शुभ मानते थे क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त 15 अगस्त 1945 को जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण (surrender) किया था और उस समय वह एलाइड फोर्सेस के कमांडर थे इसलिए उन्होंने 15 अगस्त को भारत की आजादी के लिए चुना।

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Why did the country get independence on 15th August at 12:00 pm? – 15 अगस्त को रात 12:00 बजे की क्यों देश को आजादी मिली।

कई वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रीय नेताओं को दृढ़ता से धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष में विश्वास करते थे उन्होंने ने पाया कि 15 अगस्त को शाम 7:30 बजे से चतुर्दशी और अमावस्या एक साथ प्रवेश कर रही थी जिसे अशुभ/अमंगल माना जाता है। 

जब नेताओं को पता चला कि 14 तारीख को 17 तारीख। शुभ थी तो 14 को ही स्वतंत्रता दिवस की कार्यवाही करना चाहते थे। लेकिन जब उनको पता चला कि 14 को 22 मई लॉर्ड माउंटबेटन पाकिस्तान में स्थानांतरण के लिए कराची और देर से भारत लौटेंगे। इसलिए उन्होंने रात में ही स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला लिया। 

इसके अलावा ब्रिटिश सरकार ने पहले की संसद ने घोषणा की थी कि भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त को दी जाएगी। ऐसी संकट की स्थिति में प्रतिष्ठित इतिहासकार और मलयाली विद्वान की एंकर को भारतीय रीति-रिवाजों और ज्योतिष का ज्ञान था।

उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं को एक समाधान दिया और भी था कि संवैधानिक विधानसभा 14 की रात को 11:00 बजे से शुरू करके मध्यरात्रि 15 अगस्त के 12:00 बजे तक कर सकते हैं क्योंकि हिसाब से दिन 12:00 पर शुरू होता है, लेकिन हिंदू कैलेंडर के हिसाब से सूर्योदय पर रात्रि 12:00 बजे नया दिन शुरू हो जाएगा और भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिल जाएगी। 

14 की रात को जवाहरलाल नेहरू ने औपचारिक रूप से भारत को अंग्रेजों से ली जाने वाली शक्तियों के हस्तांतरण की घोषणा की और भाषण दिया। इस संकल्प को सदन में राष्ट्रपति के द्वारा समक्ष लाया गया था और संवैधानिक विधानसभा के सदस्यों द्वारा पारित किया गया। 

15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस प्रकार 15 अगस्त रात 12:00 बजे भारत को आजादी मिली थी।

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