इस आर्टिकल में आपको Samantha Akkineni Biography & Life Struggle Story के बारे में बताया गया है, आप इस आर्टिकल में जानेंगे सामंथा अक्किनेनी की जीवनी, मांथा अक्कीनेनी के स्ट्रगल की कहानी, Samantha Akkineni Height, Weight, Age, Husband, Family, Biography & More के बारे में है और इसीलिए आज की हमारी इस आर्टिकल में हम आपको समांथा अक्कीनेनी कि इसी मुश्किल फिल्मी सफर और उनके स्ट्रगल की पूरी कहानी बताएंगे।
हमनें पिछले कुछ समय में देखा कि साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री ने इतनी तेजी से तरक्की की है कि साउथ मूवी इंडिया में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में ही पसंद की जाने लगी है।
Life Struggle Story in Hindi | सामंथा अक्किनेनी की जीवनी
आज हम बात कर रहे है समांथा अक्कीनेनी के स्ट्रगल की, समांथा अक्कीनेनी इस फिल्म इंडस्ट्री की एक ऐसी है जिनके फैन आज पूरे भारत में मौजूद है और यही वजह है कि समांथा को आज साउथ इंडियन सिनेमा की टॉप एक्ट्रेसेस में भी गिना जाता है और लोग उनको इतना ज्यादा पसंद करते हैं कि उनकी एक झलक पाने के लिए भी सिनेमा हॉल तक खिंचे चले जाते हैं।
वैसे आज भले ही समांथा कामयाबी की बुलंदियों को छू रही हैं, लेकिन एक मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखने वाली इस साधारण-सी लड़की के इस मुकाम तक पहुंचने का यह सफर काफी मुश्किलों और मुसीबतों से भरा हुआ रहा है आज हम समांथा अक्कीनेनी के मुश्किल भरे फिल्मी सफर और उनके स्ट्रगल की पूरी कहानी जानेंगे।
समांथा अक्कीनेनी आज तमिल और तेलुगु दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री में एक टॉप एक्ट्रेस के तौर पर जानी जाती हैं और वह एक ऐसी एक्ट्रेस हैं जिनकी एक्टिंग से ज्यादा लोग उनकी खूबसूरती के दीवाने हैं, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि समांथा को एक्टिंग करने नहीं आती बल्कि उनकी एक्टिंग स्किल्स तो इतनी जबरदस्त है कि वह अपने हर किरदार के अंदर अपने उत्तम अभिनय से जान डाल देती हैं।
यह समांथा अक्कीनेनी की बेहतरीन एक्टिंग का ही नतीजा है कि वह कई अलग-अलग अवार्ड जीतने के साथ ही चार फिल्मफेयर अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी हैं। समांथा की एक्टिंग करियर की शुरुआत तो साल 2010 में हुई थी, लेकिन इससे पहले उन्हें अपने करियर में काफी स्ट्रगल करना पड़ा था।
समांथा अक्कीनेनी का जन्म 28 अप्रैल 1987 को तमिलनाडु राज्य के चेन्नई शहर में हुआ था और उनके पिता का नाम जोसेफ प्रभु है जोकि तेलुगू अर्जुन से संबंध रखते हैं जबकि उनकी मां का नाम निन्टे प्रभु है और वह मलयाली और तेलुगू अर्जुन से संबंध रखती हैं।
माता-पिता के अलावा समांथा परिवार में उनके दो बड़े भाई जोनाथन प्रभु और डेविड प्रभु हैं। यानी कि समांथा अपने परिवार में सबसे छोटी हैं और अपने मां-पिता के अलग-अलग रीजनल बैकग्राउंड से संबंध रखने के बावजूद वह खुद को एक तामिल मानती है।
समांथा का शुरुआती जीवन अपने ननिहाल यानी कि केरला के अलगोजा में गुजरा लेकिन थोड़ी समय यहां जाने के बाद ही उनका परिवार चेन्नई के पल्लवरम में शिफ्ट हो गया और दोस्तों उस समय समांथा की फैमिली सिंपल मिडिल क्लास हुआ करती थी और उनका फिल्म इंडस्ट्री से दूर-दूर तक कोई भी कनेक्शन नहीं था। इसीलिए सामंथा ने खुद कभी नहीं सोचा था कि वह आगे चलकर एक बड़ी एक्ट्रेस बनेगी।
समांथा की शुरुआती पढ़ाई चेन्नई के होली एंजल्स एंग्लो इंडियन हाईयर सेकंडरी विद्यालय में हुई थी और स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, समांथा ने चेन्नई के ही स्टेला मैरिस कॉलेज में बाणिज्य (कॉमर्स) की डिग्री हासिल करने के लिए समांथा ने एडमिशन ले लिया था।
समांथा शुरुआत से ही एक होनहार स्टूडेंट रही थी और उनका नाम स्कूल और कॉलेज दोनों ही जगहों पर टॉप में रहता था और उन्हें उम्मीद थी कि डिग्री हासिल करने के बाद उन्हें कोई ना कोई नौकरी तो जरूर ही मिल जाएगी और इस तरह नौकरी करके वह अपनी फैमिली की मदद करना चाहती थी।
समांथा की कॉलेज की पढ़ाई अभी पूरी हुई भी नहीं थी। उनकी फैमिली की आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब होने लगी थी और यहां समांथा चाह कर भी अपनी फैमिली की आर्थिक तौर पर मदद नहीं कर पा रही थी।
फिर एक दिन बातों बातों में ही उनकी किसी फ्रेंड ने सुझाव दिया कि उन्हें मॉडलिंग के अंदर कोशिश करना चाहिए और जो कि परिवार की स्थिति काफी नाजुक थी, इसलिए समांथा ने अपनी फ्रेंड की बात मानकर मॉडलिंग करने का मन बना लिया और फिर कुछ कोशिशो और छोटे-छोटे फोटोशूट होने के बाद से उन्हें काम मिलना भी शुरू हो गया।
यह साल 2005 के आसपास की बात जब समांथा मॉडलिंग करियर की शुरुआत हुई थी। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम मॉडलिंग करना शुरू कर दिया था और उस दौरान उन्होंने कई छोटे-छोटे ब्रांड के लिए भी मॉडलिंग की थी और फिर कुछ इसी तरह के एक बार समांथा नायडू हॉल नाम की एक लिंगरी ब्रांड के लिए फोटोशूट करवा रही थी।
तभी प्रसिद्ध फिल्म निर्माता रवि बर्मन की नजर समांथा पर पड़ गई। दरअसल उस समय रविवर्मन एक सिनेमैटोग्राफर तौर पर काम किया करते थे लेकिन काफी समय से वह डायरेक्शन के क्षेत्र में भी कदम करना चाह रहे थे।
रवि बर्मन अपनी इस पहली फिल्म के लिए उन्हें एक नई एक्ट्रेस की तलाश थी और जब उन्होंने समांथा को मॉडलिंग करते हुए देखा तो रवि बर्मन समांथा से बहुत ही ज्यादा प्रभावित हो गई और उन्होंने फ़ौरन समांथा को फिल्म का ऑफर कर डाला।
अब जोकि समांथा इस फील्ड में नई थी और उनके लिए इस तरह सामने से फिल्म का ऑफर आना, किसी सपने से कम नहीं था और इसीलिए उन्होंने तुरंत ही “मास्को बिन कावेरी” नाम की फिल्म को साइन कर दिया और इस तरह से समांथा ने मॉडलिंग से एक्टिंग की तरफ कदम बढ़ा लिया।
अब यह तो “मास्को बिन कावेरी” फिल्म की शूटिंग साल 2007 में ही शुरू हो गई थी, लेकिन बजट की समस्या के चलते इस को पूरा होने में काफी ज्यादा समय लग गया और इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की प्रशिद्ध डायरेक्टर गौतम मेनन की नजर समांथा पर पड़ी।
गौतम मेनन समांथा एक्टिंग से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने समांथा को अपनी अगली फिल्म “ये माया चेसावे” ऑफर कर दी समांथा ने भी बिना देरी किए बिना तुरंत इस फिल्म को साइन कर दिया और इस तरह से समांथा को एक्टिंग डेब्यू शुरू करने से पहले ही समांथा को दो फिल्में मिल चुकी थी।
इस दूसरी फिल्म में उनके साथ नागा चैतन्य मुख्य भूमिका का रोल कर रहे थे और यह नागा चैतन्य के भी करियर की दूसरी ही फिल्म थी, चूंकि “ये माया चेसावे” एक तेलुगू फिल्म थी और उस समय समांथा तेलुगू भाषा अच्छी तरह से बोलना नहीं जानती थी। इसीलिए उन्हें शुरुआत में उन्हें डायलॉग बोलने और याद रखने में काफी समस्या हुआ करती थी।
लेकिन फिल्म के डायरेक्टर गौतम मेनन ने समांथा की काफी मदद की। जिससे की शूटिंग बहुत ही कम समय में पूरी हो गई और जोकि यह समांथा के करियर की पहली फिल्म रिलीज होने वाली थी, इसलिए इस फिल्म का हिट होना अति आवश्यक था और फिर मूवी थिएटर में आने के बाद से, फिल्म अपेक्षा से कहीं ज्यादा बड़ी हिट साबित हो गई और समांथा को उनकी बेहतरीन एक्टिंग के लिए फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड में भी समांथा कि इस फिल्म का रीमेक साल 2012 में “एक दीवाना था” नाम से बनाया था और इस मूवी को लोगों ने खूब पसंद किया था।
अब समांथा की पहली फिल्म के सुपरहिट हो जाने के बाद से समांथा को बड़े-बड़े एक्टर के ऑपोजिट काम मिलना शुरू हो गया और वह एन० टी० रामा राव जूनियरर और महेश बाबू जैसे साउथ के बड़े सुपरस्टार के साथ “बृंदावनम” और “डूकुडू” नाम की दो फिल्मों में नजर आई और यह फिल्में भी उनकी पहली फिल्म की तरह ही सुपरहिट साबित हुई थी। अब तो समांथा एक कमाल की एक्ट्रेस बन चुकी थी, लेकिन उन्हें उनके करियर की सबसे बड़ी कामयाबी साल 2012 में मिली।
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असल में साल 2012 में उनकी दो बड़ी फिल्में “नीथाने एन पोंवासंथम” और “ईगा” रिलीज हुई थी जिसमें ईगा तो एक तेलुगू फिल्म थी जिसको हिंदी भाषा में मक्खी नाम से रिलीज किया गया था, जबकि नीथाने एन पोंवासंथम एक तमिल फिल्म थी।
“नीथाने एन पोंवासंथम” और “ईगा” यह दोनों ही फिल्म उनके करियर के उस समय की सबसे बड़ी हिट साबित हुई थी और इन दोनों ही फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवार्ड भी दिया गया। यानि एक साथ ही उन्होंने तमिल और तेलुगु दोनों फिल्म इंडस्ट्री की बेस्ट एक्ट्रेस फेयर अवार्ड जीत लिया था।
यह कारनामा करने वाली वह साउथ की पहली एक्ट्रेस बन गई समांथा अक्कीनेनी। इस बड़ी कामयाबी को प्राप्त करने के बाद से एक से बढ़कर एक बड़ी-सी-बड़ी सुपरहिट तेलुगु फिल्मों में समांथा नजर आ चुकी है और आज समांथा को साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन और हौनहार एक्ट्रेसेस में गिना जाता है।